अपदेश:
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अपदेशः (पुल्लिंग) [अप+दिश्+घञ्]
- 1. वक्तव्य, उपदेश, नाम का उल्लेख करते हुए संकेत करना।
- 2. बहाना, छल, कारण, ब्याज-केनापदेशेन पुनराश्रमं गच्छामः-श. 2, रक्षापदेशान्मुनिहोमधेनोः -रघु. 2/8
- 3. कारणों का वर्णन, तर्क प्रस्तुत करना, भारतीय न्यायवाद के पाँच अंगों में से दूसरा-हेतु-(वैशे के अनुसार)
- 4. निशाना, चिह्न
- 5. स्थान, दिशा
- 6. अस्वीकृति
- 7. प्रसिद्धि, यश
- 8. छल[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 63 |
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