अपमृषित
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अपमृषित (विशेषण) [अप+मृष्+क्त]
- 1. जो समझ में न आ सके, अस्पष्ट जैसे कि कोई वाक्य या वक्तृता
- 2. जो सह्य न हो, जिसे कोई पसन्द न करे।[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 64 |
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