अपरता
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अपरता (स्त्रीलिंग)-त्वम् (न.) [अपर्+तल, त्वल्वा]
- दूसरा या भिन्न होना, (24 गुणों में से एक), भिन्नता, विपर्यय, आपेक्षिकता।[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 65 |
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