अपर्ण
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अपर्ण (विशेषण) [न. ब.]
- बिना पत्तों का,-र्णा (स्त्रीलिंग) पुन, पार्वती या दुर्गा दिवी, कालिदास इस नाम का कारण बतलाते हुए कहते हैं: स्वयं विशीर्णद्रम पर्णवृत्तिता परा हि काष्ठा तपसस्तया तदप्यपाकीर्णमिति प्रियंवदां वदन्त्यपर्णति पुराविदः-कु. 5/28[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 66 |
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