अपलपनम्
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अपलपनम् (नपुं.) अपलापः (पुल्लिंग) [अप+लप्+ल्युट, घञ् वा]
- 1. छिपाना, गोपन
- 2. छिपाव या जानकारी से मुकर जाना, टालमटोल, न हि प्रत्यक्षसिद्धस्या-पलापः कर्तुं शक्यते-शारी.
- 3. सत्यता, विचार व भावनाओं को छिपाना, घटाकर बतलाना।
सम.-दण्डः (पुं.) (विधि में) उस व्यक्ति पर किया जाने वाला जुर्माना जो कि दोष सिद्ध होने पर भी अपने दोष को स्वीकार नहीं करता।[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 66 |
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