अपवाद:
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अपवादः (पुल्लिंग) [अप+वद्+घञ्]
- 1. निन्दा, भर्त्सना, कलंक-लोकापवादो बलवान्मतो मे-रघु. 14/40, आक्षेप लोकनिन्दा
- 2. सामान्य नियम को बाधित करने वाला विशेष नियम (विप. उत्सर्ग)
- 3. आदेश, आज्ञा-ततोपवादेन पताकिनीपतेश्चचाल निर्ह्रादवती महाचमूः- कि. 14/27
- 4. निराकरण, (वेदान्त.) मिथ्यारोपण या मिथ्याविश्वास का निराकरण,-रज्जुविवर्तस्य सर्पस्य रज्जुमात्रत्ववत्, वस्तुभूतब्रह्मणो विवर्तस्य प्रपञ्चादेः वस्तुभूतरूपतोऽपदेशः अपवाद-तारा.
- 5. भरोसा
- 6. प्रेम, घनिष्ठता[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 67 |
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