अपहार:
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
अपहारः (पुल्लिंग) [अप+ह+घञ्]
- 1. लूट, चोरी, उड़ा ले जाना, दूर ले जाना, नष्ट कर देना,-निद्रापहार, विष°
- 2. छिपाना, मालूम न पड़ने देना, अपने आपको, अपने नाम को और अपने चरित्र को मैं किस प्रकार छिपाऊँ?[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 69 |
संबंधित लेख