अपाङ्क्त
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अपाङ्क्त, अपाङ्क्तेय, अपाङ्क्त्य (विशेषण) [सद्भिः सह भोजने पङ्क्तिम् अर्हति इत्यर्थे पंडिक्त+अणू, पङ्क्ति+ढक-एय, पङ्क्ति+व्यञ्, न. त.]
- जो समान पंक्ति में न हो, विशेषतः वह व्यक्ति जो बिरादरी में अपने बन्धु-बांधवों के साथ एक पंक्ति में बैठने का अधिकारी न हो, जाति बहिष्कृत।[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 69 |
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