अपौरुष

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अपौरुष-अपौरुषेय (विशेषण) [नास्ति पौरुषं यस्मिन् न. ब. न पौरुषेयः-न. त.]

1. पुरुषार्थहीन, कायर, भीरु
2. अलौकिक, अपुरुषोचित, ईश्वरकृत-अपौरुषेया वेदाः अपौरुषेयप्र तिष्ठः सुवर्णबिन्दुरित्याख्याते-म -मा. 9, जो मनुष्य द्वारा न स्थापित किया गया हो।-षम्, षेयम् 1. कायरता 2. ईश्वरीय शक्ति।[1]


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 72 |

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