अप्रकृत
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अप्रकृत (विशेषण) [न प्रकृतः, न. त.]
- 1. जो मुख्य प्रधान न हो, आनुषंगिक
- 2. अप्रस्तुत, विषय से या असंबद्ध, दे. प्रकृत, प्रस्तुत, अप्रकृतमनुसंधा-इधर-उधर की (विषय से बाहर की) बातें बनाना, विषयानुकूल बात न करना,-तम् (न.) (सा. शा. में) उपमान अर्थात तुलना का मानक (विप. उपमेय)।[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 72 |
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