अप्रयुक्त
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अप्रयुक्त (विशेषण) [न. त.]
- 1. जो इस्तेमाल न किया गया हो, जो काम में न लाया गया हो, अव्यवहृत
- 2. गलत तरीके से काम में लाया गया शब्द
- 3. विरल, असामान्य (सा. शा. में), (शब्द के रूप में किसी विशेष अर्थ या लिंग में प्रयुक्त चाहे वह कोशकारों से सम्मत ही क्यों न हो, तथा मन्ये दैवतोऽस्य पिशाचो राक्षसोऽथवा काव्य. 7, यहाँ 'देवत' शब्द 'अमरकोश' द्वारा सम्मत होने पर भी कवियों के द्वारा पुल्लिंग में प्रयुक्त नहीं किया जाता-अतः यह 'अप्रयुक्त' है)।[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 74 |
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