अब्दुल क़यूम अंसारी
अब्दुल क़यूम अंसारी (जन्म- 1 जुलाई, 1905) बिहार के प्रसिद्ध सार्वजनिक कार्यकर्ता थे। सन 1930 में उन्हें ज़िला कांग्रेस का सचिव नियुक्त किया गया था और वे अंत तक कांग्रेस के साथ ही जुड़े रहे। सन 1970 में अब्दुल क़यूम अंसारी राज्य सभा के सदस्य भी चुने गए थे। सहकारिता आंदोलन से भी उनका सम्बंध था।
परिचय
सार्वजनिक कार्यकर्ता अब्दुल क़यूम अंसारी का जन्म शाहाबाद ज़िले के देहरी नामक स्थान पर 1 जुलाई, 1905 को हुआ था। 'खिलाफत आंदोलन' में सम्मिलित होने के कारण वे उच्च शिक्षा प्राप्त न कर सके, लेकिन इसका उनके सार्वजनिक जीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।[1]
विभिन्न पदों पर कार्य
1930 में वे ज़िला कांग्रेस के सचिव बने और अंत तक कांग्रेस में ही बने रहे। सन 1959 में उन्होंने बिहार प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष पद भी संभाला।
सन 1946 में अब्दुल क़यूम अंसारी बिहार विधान सभा के सदस्य चुने गए और 1967 तक लगातार चुनाव जीतकर विधान सभा में पहुंचते रहे। बिहार मंत्रिमंडल में विभिन्न विभागों का मंत्री पद भी उन्होंने संभाला। 1970 में वह राज्य सभा के सदस्य चुने गए थे।
मोमिन मुस्लिमों के लिए कार्य
अब्दुल क़यूम अंसारी ने मोमिन मुसलमानों की पिछड़ी स्थिति को सुधारने के कामों में सदा आगे बढ़ कर हिस्सा लिया। 'बिहार जमायतुल मोमिनीन', 'ऑल इंडिया बैकवर्ड क्लास फेडरेशन' आदि संस्था से वे जुड़े रहे। सहकारिता आंदोलन से भी उनका संबंध था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 34-35 |
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