अब्राहम
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अब्राहम (लगभग 1800 ई.पू.) इब्रानी अर्थात् यहूदी जाती के पितामह। बाइबिल में अब्राहम का अर्थ 'बहुत सी जातियों का जनक' माना गया है। ये याहंवेह (या ईश्वर) के आदेश से मेसोपोतेमिया के ऊपर तथा हाराम नामक शहरों को छोड़कर का नान और मिस्र चले गए। बाइबिल में अब्राहम का जो वृत्तांत मिलता है (उत्पत्ति ग्रंथ, अध्याय 11-25), उसकी रचना लगभग 900 ई.पू. में अनेक परंपराओं के आधार पर हुई थी। इसमें संस्कृति और रीति--रिवाजों का जो वर्णन है वह हम्मुराबी (लि. 1728-1686 ई.पू.) से बहुत कुछ मिलता-जुलता है। इब्रानो तथा हम्मुराबी के बहुत से कानून एक जैसे हैं। आधुनिक खुदाई द्वारा हम्मुराबी का अच्छा परिचय प्राप्त हुआ है।[1]
सारी बाइबिल में अब्राहम का महत्व स्वीकृत है-
- ये स्वयं यहूदी जाती के प्रवर्तक थे। बाइबिल के अनुसार ईश्वर ने उनको कानान देश दिलाने की प्रतिज्ञा की थी। इनके साथ ईश्वर का जो व्याख्यान हुआ था उसकी स्मृति में यहूदी खतना करते हैं। ईसा अब्राहम के सबसे महान् वंशज हैं।
- अब्राहम को ईश्वर का दास और मित्र कहा गया है। ईश्वर के आदेश पर ये अपने एकमात्र पुत्र यिश्हाक का बलिदान करने के लिए तैयार थे। अब्राहम के द्वारा समस्त जातियों को ईश्वर का आशीर्वाद मिलनेवाला था। वस्तुत: अब्राहम उन समस्त लोगों के आध्यात्मिक पिता माने जाते हैं, जो ईश्वर पर आस्था रखते हैं।[2]
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