अभिनय:

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अभिनयः (पुल्लिंग) [अभि+नी+अच्]

1. नाटक खेलना, अंग विक्षेप, नाटकीय प्रदर्शन (किसी मनोभाव या आवेश को दृष्टि, संकेत या मुद्रादि से प्रकट करने वाला)
2. नाटकीय प्रदर्शनी, स्वांग, मंच पर प्रदर्शन करना,-ललिताभिनयं तमद्य भर्ता, मरुतां द्रष्टुमनाः सलोकपालः-विक्रम 2/18, अभिनय का निरूपण इस प्रकार करता है:- भवेदभिनयोऽवस्थानुकारः सा चतुर्विधः, आङ्गिको वाचिकश्चैवमाहार्यः सात्विकस्तथा। 1741

अभिनय-किसी दशा का अनुकरण करना है, यह चार प्रकार का है-

(1) आंगिक-शारीरिक चेष्टाओं द्वारा व्यक्त होने वाला
(2) वाचिक-शब्दों द्वारा प्रकट होने वाला
(3) आहार्य-वेशभूषा, अलंकार, सजावट आदि से व्यक्त होने वाला
(4) सात्त्विक-स्वेद, रोमांच आदि के द्वारा आन्तरिक भावनाओं को प्रकट करने वाला[1]


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 79 |

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