अभिशंसनम्
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अभिशंसनम् (नपुं.) [अभि+शंस्+ल्युट्]
- दोषारोपण, दोष लगाना, (चाहे सत्य हो या मिथ्या) मिथ्या° -याज्ञ. 289, गाली, अपमान, निरादर,-पंचाशद् ब्राह्मणो दण्ड्यः क्षत्रियस्याभिशंसने- मनु. 8/268[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 83 |
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