अभिहित

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अभिहित (विशेषण) (भू. क. कृ.) [अभि+धा+क्त]

1. कहा गया, बोला गया, घोषित किया गया
2. संबोधित किया गया, पुकारा गया


सम.-अन्वयवादः,-वादिन् (पुल्लिंग) नैयायिकों का एक विशेष प्रकार का सिद्धान्त (या उस सिद्धान्त के अनुयायी)। इस सिद्धान्त के अनुसार नैयायिक लोग मानते हैं कि शब्द स्वतंत्र रूप से अपना अर्थ रखते हैं, जो बाद में वाक्य में प्रयुक्त होने पर एक संयुक्त विचार को अभिव्यक्त करते हैं, दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि यह वाक्य के शब्दों का तर्कसंगत संबंध ही है जो वाक्य के अभीष्ट अर्थ को प्रकट करता है न कि शब्दों का केवल अपना भाव। अतः वे 'तात्पर्यार्थ' में विश्वास रखते हैं जो कि वाच्यार्थ से भिन्न है-काव्य. 2[1]


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 85 |

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