अमेध्य
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अमेध्य (विशेषण) [न. त.]
- 1. जो यज्ञ के योग्य, या अनुमत न हो
- 2. यज्ञ के अयोग्य-नामेध्यं प्रक्षिपेदग्नौ-मनु. 4/53, 56, 5/5, 132
- 3. अपवित्र, मलयुक्त, मैला, गंदा, अस्वच्छ-भग. 17/10, भर्तृ. 3/106,-ध्यम्
- 1. विष्ठा, लीद
- 2. अपशकुन, अशुभशकुन-अमेध्यं दृष्ट्वा सूर्यमुपतिष्ठेत- कात्या.
सम.-कुणपाशिन् (विशेषण) मुर्दा खाने वाला,-युक्त,-लिप्त (विशेषण) मलयुक्त, मैला, मलिन, गंदा।[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 93 |
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