अम्बु (शब्द संदर्भ)
अम्बु | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- अम्बु (बहुविकल्पी) |
अम्बु (नपुं.) [अम्ब्+उण्]
सम.-कणः (पुल्लिंग) पानी की बूँद,-कण्टकः (पुल्लिंग) (छोटी नाक वाला) घड़ियाल,-किरातः (पुल्लिंग) घड़ियाल,-कीशः,-कूर्मः (पुल्लिंग) कछुवा,-केशरः नींबू का पेड़,-क्रिया (स्त्रीलिंग) पितृ तर्पण, पितरों को जलदान,-ग,-चर,-चारिन् (विशेषण) जल में रहने वाला, जलचर,-घनः (पुल्लिंग) ओला,-चत्वरम् (नपुं.) झील,-ज (विशेषण) जल उत्पन्न, जलज (विप. स्थलज)-सुगंधीनि च माल्यानि स्थल-जान्यम्बुजानि च-रामा. (जः) 1. चन्द्रमा 2. कपूर 3. सारस पक्षी 4. शंख, (जम्) 1. कमल,-इंदीवरेण नयनं मुखमम्बुजेन-शृंगार. 3, 2. इन्द्र का वज्र, °भूः, °आसनः कमल से उत्पन्न देवता, ब्रह्मा, आसना लक्ष्मी देवी.-जन्मन् (नपुं.) कमल, (पुल्लिंग) 1. चन्द्रमा 2. शंख 3. सारस पक्षी,-तस्करः (पुल्लिंग) जलचोर, सूर्य, इ (विशेषण) जल देने वाला (-दः) बादल-म-नवाम्बुदानी-कमुहूर्तलांछने-रघु. 3/53,-धरः (पुल्लिंग) 1. बादल-वशिनश्चाम्बुधराश्च योनयः-कु. 4/43, 95 शरत्प्रमृष्टाम्बुधरोपरोधः, रघु. 6/44, 2. अबरक,-धि: 1. पानी का आशय, जलपात्र-अम्बुधिर्घटः -सिद्धा., 2. समुद्र-क्षार भर्तृ. 2/6, 3. चार की संख्या,-निधिः पानी का खजाना, समुद्र, -देवासुरैरमृतमम्बुनिधिर्ममन्थ-कि. 5/30,-प विशेषण पानी पीने वाला (-पः) 1. समुद्र 2. वरुण-जल का स्वामी,-पातः (पुल्लिंग) जलधारा, जलप्रवाह, नदी या झरना गङ्गाम्बुपातप्रतिमा गृहेभ्यः- भट्टि. 1/8,-प्रसादः (पुल्लिंग)-प्रसादनम् (नपुं.) कतक, निर्मली का पेड़-फलं कतकवृक्षस्य यद्यम्बुप्रसादकम्, न नामग्रहणादेव तस्य प्रसीदति 1. -भवम् कमल,-भृत् (पुल्लिंग) 1. जल-वाहक, बादल 2. समुद्र 3. अबरक,-मात्रज विशेषण जो केवल जल में ही उत्पन्न हो (-जः)-शंख-मुच् (पुल्लिंग) बादल,-ध्वनितसूचितमम्बुमुचां चयम्- कि. 5/12,-राजः (पुल्लिंग) 1. समुद्र 2. वरुण,-राशिः (पुल्लिंग) जलाशय या पानी का भंडार, समुद्र-त्वयि ज्वलत्यौर्वमिवाम्बुराशौ-श. 3/3, चन्द्रोदयारम्भ इवाम्बुराशि:- कु. 3/67, रघु. 6/57, 9/82,-रुह् (नपुं.) 1. कमल 2. सारस,-रुहः (पुल्लिंग),-रुहम् (नपुं.) कमल,-रोहिणी (पुल्लिंग) कमल,-वाहः (पुल्लिंग) 1. बादल-तडित्वन्त-मिवाम्बुवाहम्-कि. 3/1, भर्तुर्मित्रं प्रियमविधवे विद्धि मामम्बुवाहम्-मेघ. 101, 2. झील 3. जल-वाहक,-वाहिन् विशेषण पानी ले जाने वाला (पुं.) बादल,-वाहिनी (स्त्रीलिंग) काठ का डोल, एक प्रकार का पानी उलीचनें का बर्तन-विहारः (पुल्लिंग) जलक्रीड़ा,-वेतसः (पुल्लिंग) एक प्रकार का वेत, नरकुल जो जल में पैदा होता है,-सरणम् (नपुं.) जलप्रवाह, जलधारा,-सर्पिणी (स्त्रीलिंग) जोक-सेचनी (स्त्रीलिंग) अम्बुमत् जल छिड़कने का पात्र।[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 94-95 |
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