अयथा

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अयथा (अव्य.) [न. त.] जिस प्रकार होना चाहिए वैसे न होना, अनुपयुक्त रूप से, अनुचित ढंग से, गलत तरीके से।

सम.-अर्थ (विशेषण)

1. जो नितांत भाव के अनुकूल न हो, अर्थहीन, भावरहित
2. असंगत, अयोग्य, मिथ्या श. 3/2, अशुद्ध, गलत-अनुभवो द्विविधो यथार्थोययार्थश्च सं., °अनुभवः अशुद्ध या असत्य ज्ञान, ग भाव,-इष्ट (विशेषण)
1. जो इच्छानुकूल न हो, नापसंद
2. अपर्याप्त, नाकाफी-उचित (विशेषण) अयुक्त अनुपयुक्त,-तथ (विशेषण) 1. जो जैसा होना चाहिए। वैसा न हो, अयुक्त, अनुपयुक्त, अयोग्य,-इदम-यथातथं स्वामिनश्चेष्टितम्-वेणी. 2, 2. अर्थहीन व्यर्थ, लाभरहित (-चम्) (अव्य.) 1. अयुक्तता के साथ, अनुपयुक्तता के साथ, 2. व्यर्थ, अकारथ बेकार,-तद्गच्छति अ°-मनु. 3/240-तथ्यम् (नपुं.) अनुपयुक्तता, असंगतता, व्यर्थता,-योतनम् (नपुं.) आशातीत घटना का होना,-पुर,-पूर्व (दि.) जो पहले कभी न हुआ हो, अभूतपूर्व, अनुपम,-वृ (विशेषण) गलत तरीके से कार्य करने वाला,-शास्त्र-कारिन् (विशेषण) शास्त्रानुकूल कार्य न करने वाला, अधार्मिक,-अयथाशास्त्रकारी च न विभागे पिता प्रभुः-नारद।[1]


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 96 |

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