अयि
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अयि (अव्य.) [इ+इनि]
- 1. मित्रादिकों के प्रति नम्र संबोधन, ओह, ए, अरे आदि सामान्य संबोधन बोधक अव्यय-अयि विवेकविश्रांतमभिहितम्-मालवि. 1. अयि भो महर्षिपुत्र-श. 7, अयि विद्युत्प्रमदानां त्वमपि च दुःखं न जानासि-मृच्छ. 5/32, दे. भामि. 1/5, 11, 44
- 2. प्रार्थना या अनुरोध बोधक अव्यय-अयि संप्रति देहि दर्शनम्-कु. 4/ 28, प्रोत्साहन तथा अनुनय के अर्थ में भी-अयि मन्दस्मितमधुरं वदनं तन्वंगि यदि मनाक्कुरुषे-भामि. 2/150
- 3. सामान्य सानुग्रहपृच्छा द्योक अव्ययत परिहासः-5/62[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 97 |
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