अरत
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अरत (विशेषण) [न. त.]
- 1. मन्द, विरक्त, अनासक्त
- 2. असंतुष्ट, तुष्टिरहित, पराङ्मुख,-तम् अमैथुन।
सम.-त्रप (विशेषण) मैथुन करने में न लजाने वाला (-पः) (पुल्लिंग) कुत्ता (गलियों में बिना किसी प्रकार की लज्जा के मैथुन करने वाला)।[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 99 |
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