अरे
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अरे (अव्य.) [ऋ+ए]
- एक संबोधनात्मक अव्यय-
- (क) छोटों को बुलाने के लिए-आत्मा वा अरे द्रष्टव्यः श्रोतव्यः, न वा अरे पत्युः कामायास्याः पतिः प्रियो भवति-शत. (याज्ञवल्क्य ने अपनी पत्नी मैत्रेयी से कहा)
- (ख) क्रोधावेश में-अरे महाराजं प्रति कुतः क्षत्रियाः-उत्तर. 4
- (ग) ईर्ष्या प्रकट करने के लिए[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 101 |
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