अर्थ्र
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अर्थ्र (चु. आ.) [अर्थयते, अर्थित]
- 1. प्रार्थना करना, याचना करना, गिड़गिड़ाना, मांगना, अनुरोध करना, दीन भाव से मांगना (द्विकर्मक)-त्वामिममर्थमर्थयते[1], तमभिक्रम्य सर्वेऽय वयं चार्थामहे वसु-महाभारत, प्रहस्तमर्थयांचक्रे योद्धुम्[2]
- 2. प्राप्त करने का प्रयत्न करना, चाहना, इच्छा करना, अभि-मांगना, गिड़गिड़ाना, प्रार्थना करना-इमं सारङ्ग प्रियाप्रवृत्तिनिमित्त-मभ्यर्थये[3], अवकाश किलोदन्वान् रामायाभ्यर्थितो ददौ[4], अभिप्र 1. मांगना, प्रार्थना करना 2. चाहना, प्र 1. मांगना, प्रार्थना करना, याचना, प्रार्थना-तेन भवन्तं प्रार्थयत[5], 2. चाहना, आवश्यकता होना, इच्छा करना, प्रबल अभिलाष रखना,-अहो विघ्नवत्यः प्रार्थितार्थसिद्धयः[6], स्वत प्रार्थयन्ते[7], 3. ढूँढना, तलाश करना, खोज करना,-प्रार्थयध्वं तथा सीताम्भ[8], 4. आक्रमण करना, टूट पड़ना-असो अश्वानीकेन यवनानां प्रार्थितः[9], दुर्जया लवणः शूली विशूल प्रार्थ्यतामिति[10], प्रति-1. (युद्ध के लिए) ललकारना, मुकाबला करना, शत्रुवत् व्यवहार करना-एते सीताद्रुहः संख्ये प्रत्यर्थयन राघवम्भ[11], 2. किसी को शत्रु बनाना,
सम्-1. विश्वास करना, सोचना, ख्याल रखना, चिंतन करना-समर्थये यत्प्रथमं प्रियां प्रति[12], मया न साधु समर्थितम्[13] अनुपयुक्तमिवात्मानं समर्थये[14], 2. समर्थन करना, सहायता करना, प्रमाण द्वारा सिद्ध करना-उक्तमेवार्थ मुदाहरणेन समर्थयति समप्रि-,संप्र-याचना करना, प्रार्थना करना आदि।[15]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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