अर्हणम्
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अर्हणम् (नपुं.) -णा (स्त्रीलिंग) [अर्ह+भावे ल्युट्]
- पूजा, आराधना, सम्मान, आदर तथा सम्मान के साथ व्यवहार करना-अर्हणामहंते चक्रुर्मुनयो नयचक्षुषे-रघु. 1/55, शि. 15/22[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 109 |
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