अर:
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अरः (पुल्लिंग) [ॠ+अच्]
- पहिये के अरे या पहिये का अर्धव्यास (°रं भी)-अरैः संधार्यते नाभिः नाभी चाराः प्रतिष्ठिताः-पंच. 1/81
सम.-अंतर (अरान्तर) (नपुं.) (ब. व.) अरों का अन्तराल-विक्रम. 1/4,-घट्टः,-घट्टकः (पुल्लिंग)
- 1. रहट जिसके द्वारा कुएँ से पानी निकाला जाता है, 'घटी रहट में प्रयुक्त किया जाने वाला डोल
- 2. गहरा कुआँ[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 98 |
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