अलक:
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अलकः (पुल्लिंग) [अल्+क्वन्]
- 1. घुंघराले बाल, जुल्फें, बाल-ललाटिका चन्दनधूसरांलका-कु. 5/55, अलके बालकुन्दानुविद्धम्-मेघ. 67, (यह शब्द नपुं. भी है जैसा कि मल्लिनाथ के उद्धरण-स्वभाववक्राण्यलकानि तासाम्-से प्रकट होता है)
- 2. मस्तक के घूंघर
- 3. शरीर पर मला हुआ केसर,-का
- 1. आठ से दस वर्ष तक की आयु की कन्या
- 2. यक्षों के स्वामी कुबेर की राजधानी-विभाति यस्यां ललितालकायां मनोहरा वैश्रवणस्य लक्ष्मीः-भामि. 2/10, गन्तव्या ते वसतिरलका नाम यक्षेश्वराणाम्-मेघ. 7
सम.-अधिपः (अलकेश्वरः),-ईश्वरः (अलकाधिपः),-पतिः (पुल्लिंग) अलका का स्वामी, कुबेर-अत्यजीवदमरालकेश्वरौ-रघु. 19/15,-अन्तः घूंघर का किनारा या लट,-नन्दा (स्त्रीलिंग) 1. गंगा, गंगा में गिरने वाली नदी, 2. आठ से दस वर्ष के बीच की आयु की लड़की, -प्रभा (स्त्रीलिंग) कुबेर की राजधानी,-संहतिः घूंघरों की पंक्तियाँ-शि. 6/31[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 110 |
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