अलङ्कार

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अलङ्कारः (पुल्लिंग) [अलम्+कृ+घञ्]

1. सजावट, सजाने या अलंकृत करने की क्रिया
2. आभूषण (आलं. से भी)–अलंङ्कारः स्वर्गस्य-विक्रम. 1
3. अलंकार जिसके शब्द°, अर्थ तथा शब्दार्थ' के अनुसार तीन भेद हैं।
4. काव्य के गुण-दोष बताने वाला शास्त्र


सम.-शास्त्रम् (नपुं.) काव्य कला तथा साहित्यशास्त्र,-सुवर्णम् आभूषण घड़ने के लिए सोना।[1]


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 110 |

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