अवतप्त
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अवतप्त (विशेषण) [भूतकालिक कर्मणि कृदन्त (क्त)] [अव तप्+क्त]
- गरम किया हुआ, चमकाया हुआ-अवतप्ते नकुलस्थितम्-आखेटी नेवले का गर्म भूमि पर खड़ा होना, (रूपक के ढंग से इस प्रकार मनुष्य की अस्थिरता के विषय में कहा जाता है)-अवतप्ते नकुलस्थितं त एतत्[1]।[2]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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