अवर
अवर (विशेषण) [न वरः इति अवरः न.त., वृ+अप् बा.]
1. (क) आयु में छोटा,-मासेनावरः-मासावरः[1]
(ख) बाद का, पश्चवर्ती, पिछला (समय और स्थान की दृष्टि से)-यदवरं कौशाम्ब्याः, यदवरमाग्रहायण्याः-सिद्धा.
2. अनुवर्ती, उत्तरवर्ती
3. नीचे, अपेक्षाकृत नीचा, घटिया, कम
4. नीच, महत्त्वहीन, सबसे बुरा, निम्नतम (विपरीतार्थक 'उत्तम') अव्यङ्ग्यमवरं स्मृतम्[2], दूरेण ह्यवरं कर्म-बुद्धियोगाद्धनञ्जय[3], श्रद्दधानः शुभां विद्यामाददीतावरादपि[4]
5. अन्तिम (विपरीतार्थक 'प्रथम') सामान्यमेषां प्रथमावरत्वम्[5]
6. न्यूनातिन्यून, (प्रायः समास के उत्तरपद के रूप में अंकों के साथ)-त्र्यवरैः साक्षिभिर्भाव्यः[6], त्र्यवरा परिषद् ज्ञेया[7]
7. पश्चिमी,-रम् हाथी की पिछली जांघ (-रा भी)
समस्त पद-अर्धः (पुल्लिंग)
- 1. थोड़े से थोड़ा भाग, न्यूनातिन्यून
- 2. उत्तरार्ध
- 3. शरीर का पिछला भाग, अबर (विशेषण) नीचतम, सबसे घटिया-न हि प्रकृष्टान् प्रेष्यांस्तु प्रेषयंत्यवरावरान्[8]-उक्त (विशेषण) अन्त में कहा हुआ,-ज (विशेषण) अपेक्षाकृत छोटा, कनीयान् (-जः) छोटा भाई-विदर्भराजावरजा[9],-वर्ण (विशेषण) नीच जाति का (-र्णः) 1. शूद्र 2. अन्तिम या चौथा वर्ण, वर्णकः-वर्णजः (पुल्लिंग) शूद्र,-व्रतः (पुल्लिंग) सूर्य, शैलः (पुल्लिंग) पश्चिमी पहाड़ (जिसके पीछे सूर्य डूबता हुआ समझा जाता है)।[10]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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