अवलीढ
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अवलीढ (विशेषण) [भूतकालिक कर्मणि कृदन्त (क्त)] [अव+लिहू+क्त]
1. खाया हुआ, चबाया हुआ-दर्भेरर्धावलीदैः-श. 1/7
2. चाटा हुआ, लप-लप करके पीया हुआ, स्पृक्त (आलंकारिक भी)-नवयौवनावलीढावयवा-दश. 17, जवानी से व्याप्त, अस्त्रज्वालावलीढप्रतिबलजलधे-रन्तरौर्वायमाणे-वेणी. 3/5, चारों ओर से घिरा हुआ।
3. निगला हुआ, नष्ट किया हुआ।[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 122 |
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