अव्याप्य
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अव्याप्य (विशेषण) [नञ् तत्पुरुष समास]
- जो सारी स्थिति के लिए लागू न हो, समस्त विस्तार पर छाया हुआ न हो।
समस्त पद-वृत्तिः (स्त्रीलिंग) [वैशेषिक दर्शन में] सीमित प्रयोग की एक श्रेणी, देशकाल की स्थिति से आंशिक विद्यमानता-जैसे सुख-दुःख।[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 129 |
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