अश्लील

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अश्लील (विशेषण) [न श्रियं लाति-ला+क]

1. भद्दा, कुरूप

2. ग्राम्य गन्दा, अक्खड़,-अश्लीलप्रायान् कलकलान[1]

3. अपभाषित,-लम्

1. देहाती या गंवारू भाषा, गाली
2. (सा.शा. में) रचना का एक दोष जिसमें ऐसे शब्द प्रयुक्त किये जायें, जिनसे श्रोता के मन में शर्म, जुगुप्सा और अमंगल की भावना पैदा हो-उदाहरण - साधनं सुहमद्यस्य, मुग्धा कुड्मलिताननेन दधती वायुं स्थिता तत्र सा, तथा-मृदुपवनविभिन्नो मत्प्रियाया विनाशात्‌-में साधन, वायु और विनाश शब्द अश्लील हैं और क्रमश: शर्म, जुगुत्सा और अमंगल की भावना पैदा करते हैं-'साधन' शब्द तो लिंग (पुरुष की जननेन्द्रिय), 'वायु' शब्द अपान (गुदा से निकलने वाली दुर्गंधयुक्त वायु तथा 'विनाश' मृत्यु को प्रकट करता है।[2]


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. -दश. 49, परिवाद-याज्ञ. 1/33.
  2. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 132 |

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