अष्टापद
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- अष्टापद जैन-साहित्य के सबसे प्राचीन आगमग्रन्थ एकादशअंगादि में उल्लिखित तीर्थ जिसको हिमालय में स्थित बताया गया है।
- संभवत: कैलास को ही जैन-साहित्य में अष्टापद कहा गया है।
- इस स्थान पर प्रथम जैन तीर्थंकर ऋषभदेव का निर्वाण हुआ था।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 51-52| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
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