असकृत
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असकृत् (अव्य.) [नञ् तत्पुरुष समास]
- एक बार नहीं, बार-बार, बहुधा-असकृदेकरथेन तरस्विना[1]
समस्त पद-समाधिः-बार-बार चिंतन, मनन,-गर्भवासः (पुल्लिंग) बारंबार जन्म[2]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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