आक्रान्त

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आक्रान्त (विशेषण) [भूतकालिक कर्मणि कृदन्त (क्त्‌) [आ+क्रम्+क्त]

1. पकड़ा हुआ, अधिकार में किया हुआ, पराजित, पराभूत-आक्रन्तविमानमार्गम्‌[1], तक पहुँचना, भरपूर, अधिकृत, ढका हुआ-शुशुभेतेन चाक्रान्तं मङ्गलायतनं महत्‌[2], वलिभिर्मुखमा-क्रान्तम्‌[3], इसी प्रकार मदन° भय° शोक° आदि।
2. लदा हुआ (मानो बोझ से)
3. बढ़ा हुआ, ग्रहण लगा हुआ, आगे बढ़ा हुआ[4]
4. प्राप्त किया हुआ, अधिकार में किया हुआ[5]


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. -गघु. 13/37
  2. -रघु. 17/29
  3. -भर्तु. 3/14
  4. -रघु. 10/38, मालवि. 3/5
  5. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 148 |

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