आक्षेप:

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आक्षेपः [आ+क्षिप्+घञ्]

1. दूर फेंकना, उछालना, खींचकर दूर करना, छीन लेना-अंशुकाक्षेपवि-लज्जितानाम्[1], पीछे हटना
2. भर्त्सना, झिड़कना, कलंक लगाना, अपशब्द कहना, अवज्ञापूर्ण निन्दा-प्रचंडतया[2], विरुद्धमाक्षेपवचस्तितिक्षितम्[3]
3. मन की उचाट, मन का खिंचाव-विषयाक्षेपपर्यस्त-बुद्धेः[4]
4. प्रयुक्त करना, लगाना, भरना (जैसे कि रंग)-गोरोचनाक्षेप-नितान्तगौरैः[5]
5. संकेत करना, (किसी दूसरे शब्दार्थ को) मान लेना, समझ लेना-स्वसिद्धये पराक्षेपः[6]
6. अनुमान
7. धरोहर
8. आपत्ति या संदेह
9. (सा.शा. में) एक अलंकार जिसमें विवक्षित वस्तु को एक विशेष अर्थ जतलाने के लिए प्रकटतः दवा दिया जाय या निषिद्ध कर दिया जाये[7], और रस गंगाधर का आक्षेपप्रकरण।[8]


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. -कु. 1/14
  2. -उत्तर. 5/29
  3. -कि. 14/253
  4. -भर्तृ. 3/47, 23
  5. -कु. 7/17
  6. -काव्य. 2
  7. -काव्य. 10, सा.द. 714
  8. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 149 |

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