ऊर्ध्व
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ऊर्ध्व
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| विवरण | ऊर्ध्व एक दिशा है। आकाश की ओर जाने वाली दिशा ऊर्ध्व दिशा कहलाती है। |
| देवता | ब्रह्मा |
| वास्तु महत्व | आकाश तत्व से हमारी आत्मा में शांति मिलती है। इस दिशा में पत्थर फेंकना, थूकना, पानी उछालना, चिल्लाना या उर्ध्व मुख करके अर्थात आकाश की ओर मुख करके गाली देना वर्जित है। |
| अन्य जानकारी | प्राचीनकाल में दिशा निर्धारण प्रातःकाल व मध्याह्न के पश्चात एक बिन्दु पर एक छड़ी लगाकर सूर्य रश्मियों द्वारा पड़ रही छड़ी की परछाई तथा उत्तरायण व दक्षिणायन काल की गणना के आधार पर किया जाता था। |
ऊर्ध्व (अंग्रेज़ी:Zenith) एक दिशा है। आकाश की ओर जाने वाली दिशा ऊर्ध्व दिशा कहलाती है। उर्ध्व दिशा के देवता ब्रह्मा हैं। इस दिशा का सबसे ज्यादा महत्व है। आकाश ही ईश्वर है। जो व्यक्ति उर्ध्व मुख होकर प्रार्थना करते हैं उनकी प्रार्थना में असर होता है। वेदानुसार मांगना है तो ब्रह्म और ब्रह्मांड से मांगें, किसी और से नहीं। उससे मांगने से सब कुछ मिलता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार
घर की छत, छज्जे, उजालदान, खिड़की और बीच का स्थान इस दिशा का प्रतिनिधित्व करते हैं। आकाश तत्व से हमारी आत्मा में शांति मिलती है। इस दिशा में पत्थर फेंकना, थूकना, पानी उछालना, चिल्लाना या उर्ध्व मुख करके अर्थात आकाश की ओर मुख करके गाली देना वर्जित है। इसका परिणाम घातक होता है।
दिशाओं के नाम
| अंग्रेज़ी | संस्कृत (हिन्दी) |
|---|---|
| East | पूरब, प्राची, प्राक् |
| West | पश्चिम, प्रतीचि, अपरा |
| North | उत्तर, उदीचि |
| South | दक्षिण, अवाचि |
| North-East | ईशान्य |
| South-East | आग्नेय |
| North-West | वायव्य |
| South-West | नैऋत्य |
| Zenith | ऊर्ध्व |
| Nadir | अधो |
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