कच्चा माल
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कच्चा माल से तात्पर्य है कि कारखानों में काम आने वाले वे खनिज या वानस्पतिक पदार्थ, जो अपने आरंभिक या प्राकृतिक रूप में हों और जिन्हें मशीनों द्वारा ठीक करके या बनाकर उनसे दूसरी वस्तुएँ बनाई जाती हैं।
- दूसरे शब्दों में कच्चा माल उन मूल द्रव्यों को कहते हैं, जिनका उपयोग विधि शिल्पों में उत्पादन कार्य के लिए किया जाता है। जैसे-
- चीनी मिल के लिए गन्ना
- वस्त्र उद्योग के लिए रुई
- काग़ज़ बनाने के लिए बाँस
- ईख की छोई
- सन और लोहे के कारखानों के लिए कच्चा लोहा
- औद्योगिक दृष्टि से यूरोप के विकसित पूँजीवादी देशों को कच्चे माल की आवश्यकता पड़ी तो उन्होंने संसार के अन्य महाद्वीपों में अपने अनेक उपनिवेश स्थापित किए और वहाँ के कच्चे माल से विविध वस्तुएँ तैयार करके उन्हें पुन: उन्हीं के देशों में खपाया तथा अकल्पित लाभ प्राप्त किया।[1]
इन्हें भी देखें: काग़ज़ उद्योग, नगरीय कुटीर उद्योग एवं गुड़ तथा खांडसारी उद्योग
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