कणिका
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
हिन्दी | किसी चीज़ का बहुत ही छोटा कण, कनी, बूँद, शरीर-शास्त्र में, रक्त में तैरने वाले एक विशेष प्रकार के बहुत छोटे कण, जो लाल रंग और सफ़ेद रंग के होते हैं और जिनके कुछ विशिष्ट कार्य होते हैं (कार्पसल), तिनका (चिकित्सा) जीवद्रव्य-कोशिका जो अन्य कोशिकाओं के प्रत्यक्ष सम्पर्क में नहीं आती और तरल या ठोस आधात्री (अ.मैट्रिक्स) में होती है। |
-व्याकरण | स्त्रीलिंग |
-उदाहरण | दो कणिकाएँ गिरीं अश्रु की।[1] |
-विशेष | |
-विलोम | |
-पर्यायवाची | कनका, कनी, कण, रवा, अणु, कन, रेज़ा। |
संस्कृत | कण+ठन्+टाप् |
अन्य ग्रंथ | |
संबंधित शब्द | कणिक |
संबंधित लेख |
अन्य शब्दों के अर्थ के लिए देखें शब्द संदर्भ कोश
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ रामधारी सिंह दिनकर(रश्मि, 2/58