लोटस टैंपल
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विवरण | लोटस टैंपल भारत के राष्ट्रीय पुष्प कमल और भारतीय सौन्दर्य का न केवल प्रतीक है बल्कि सर्वधर्म की एकता और शान्ति का प्रतीक है। | ||
केन्द्र शासित प्रदेश | राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली | ||
ज़िला | नई दिल्ली | ||
स्थापना | 24 दिसंबर 1986 | ||
भौगोलिक स्थिति | उत्तर- 28.553325; पूर्व- 77.2586 | ||
मार्ग स्थिति | लोटस टैंपल, मथुरा रोड और लाला लाजपत राय मार्ग से 13.6 किमी की दूरी पर स्थित है। | ||
कैसे पहुँचें | हवाई जहाज़, रेल, बस आदि | ||
इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा | |||
हज़रत निज़ामुद्दीन, पुरानी दिल्ली, नई दिल्ली | |||
सराय काले ख़ाँ बस अड्डा | |||
ऑटो रिक्शा, टैक्सी, मेट्रो रेल, बस | |||
कहाँ ठहरें | होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह | ||
एस.टी.डी. कोड | 011 | ||
ए.टी.एम | लगभग सभी | ||
गूगल मानचित्र | |||
संबंधित लेख | लाल क़िला, जामा मस्जिद, राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट | वास्तुकार | फ़रीबर्ज़ सहबा |
अन्य जानकारी | भारत के अलावा पनामा, कंपाला, इल्लिनॉइस, फ्रैंकफर्ट, सिडनी और वेस्ट समोआ में लोटस टैंपल के केंद्र हैं। लोटस टैंपल के सभी केंद्र बहाई आस्था के प्रतीक हैं और अपने अद्वितीय वास्तु शिल्प के लिए प्रसिद्ध हैं। | ||
अद्यतन | 15:28, 30 अक्टूबर 2011 (IST)
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भारत में दिल्ली एक आकर्षक पर्यटन स्थल है। लोटस टैंपल यानी बहाई मंदिर - दक्षिण दिल्ली के कालका जी में 26 एकड़ में बना बहाई मंदिर जिसे लोटस टैंपल भी कहा जाता है, दिसम्बर 1986 में बनकर तैयार हुआ, लोटस टैंपल भारत के राष्ट्रीय पुष्प कमल और भारतीय सौन्दर्य का न केवल प्रतीक है बल्कि सर्वधर्म की एकता और शान्ति का प्रतीक है। इसमें एक बड़ा शान्त और प्रार्थना स्थल है जिसमें सभी धर्मों के लोग अपने-अपने इष्टदेव या धर्म की प्रार्थना करते हैं यहाँ कोई भी मूर्ति या किसी भी प्रकार का धर्म नहीं है। अपने इसी ख़ास गुण के कारण यह दिल्ली और देश-विदेश में ताजमहल के बाद लोकप्रिय दर्शनीय स्थल है।
- एकमात्र बहाई प्रार्थना केंद्र
यह मंदिर एशिया महाद्वीप में बना एकमात्र बहाई प्रार्थना केंद्र है। भारत के अलावा पनामा, कंपाला, इल्लिनॉइस, फ्रैंकफर्ट, सिडनी और वेस्ट समोआ में लोटस टैंपल के केंद्र हैं। लोटस टैंपल के सभी केंद्र बहाई आस्था के प्रतीक हैं और अपने अद्वितीय वास्तु शिल्प के लिए प्रसिद्ध हैं। इस मंदिर को बनाने में कुल 10 मिलियन रु. की लागत आई थी। लोटस टैंपल को दिसंबर 1986 में श्रद्धालुओं के लिए खोला गया था। लोटस टैंपल तालाब और बगीचों के बीच है और यह मंदिर ऐसा लगता है जैसे पानी में कमल तैर रहा हो। कमल भारत की सर्वधर्म समभाव की संस्कृति को दर्शाता है। मंदिर के प्रार्थना केंद्र में कोई मूर्ति नहीं है। लोटस टैंपल में किसी भी धर्म के अनुयायी आकर ध्यान लगा सकते हैं। मंदिर में एक सूचना केंद्र भी है।
प्रार्थना का समय
- प्रात- 10:00 से 10:15 तक
- अपराह्न- 12:00 से 12:15 तक
- सायं काल- 15:00 से 15:15 तक
- रात्रि- 17:00 से 17:15 तक
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