कलसूबाई का मन्दिर ज़िला नासिक, महाराष्ट्र में स्थित है। यह मंदिर नासिक की ऊँची पर्वत चोटी कलसूबाई पर स्थित है। साल के बारहों मास देश के कोने-कोने से लोग महाराष्ट्र के इस अद्भुत सौंदर्य का दर्शन करने आते हैं।
- पर्वत की चोटी पर देवी कलसूबाई का मन्दिर है। उनके नाम पर ही इस चोटी का नाम ’माउण्ट कलसूबाई’ पड़ा और सप्ताहांत में यहां खास जमावड़ा लगता है।
- निकट के ही बाड़ी गांव से कलसूबाई की चढ़ाई प्रारंभ होती है। चढ़ाई तकरीबन साढ़े तीन घण्टे की है जो टेढ़े-मेढ़े और घुमावदार पथरीले रास्तों से तय होती है।
- कहीं पहाड़ों को सीढ़ीनुमा बनाया गया है तो कहीं लोहे की सीढ़ियों का प्रयोग किया गया है।
- बीच-बीच में जलपान की दुकानें के साथ विश्राम का भी सुअवसर प्रदान करती हैं। वहीं दूसरी ओर लगभग आधी चढ़ाई पर साढ़ियों पर बैठा बन्दरों का जत्था अपने जल-पान का इंतजार कर रहा होता है।
- बारिश में रास्ता फिसलन भरा हो जाता है, जिससे अति सावधानी से कदम रखने पड़ते हैं।
- पहाड़ की इस ऊंचाई पर तापमान काफी गिर जाता है और हवायें काफी तेज होती हैं। चारों ओर धुंध बिखरी रहती है। ऐसा लगता है जैसे धरती-आकाश का स्वरूप एक हो गया है। धवलवर्णी और इन सबके मध्य कलसूबाई का केसरिया मन्दिर अपनी पूर्ण आभा में विद्यमान है।
- प्रत्येक मंगलवार और गुरुवार को देवी की पूजा-अर्चना की जाती है।
- नवरात्र का समय खास होता है। इस अवसर पर यहां मेला भी लगता है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाराष्ट्र का एवरेस्ट है कलसूबाई (हिंदी) gaonconnection.com। अभिगमन तिथि: 20 जुलाई, 2020।
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