कारख़ाना अधिनियम, 1911 गवर्नर-जनरल लॉर्ड हार्डिंग के समय में लाया गया था। यह अधिनियम वयस्क श्रमिकों के हितार्थ था।
मुख्य प्रावधान
- यह अधिनियम 1891 के कारख़ाना अधिनियम का ही संशोधित रूप था।
- इस अधिनियम के तहत पुरुषों के कार्य करने की अवधि 12 घंटे प्रतिदिन निश्चित थी।
- अल्पायु बच्चों के 7 बजे शाम से लेकर 5 बजे सुबह तक काम करने पर रोक लगाई गई थी।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारत में कारखाना अधिनियम (हिंदी) divanshugs.blogspot.in। अभिगमन तिथि: 04, अप्रैल।