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केरल में औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं है। यहाँ पर पनबिजली, घने वन, दुर्लभ खनिज, परिवहन और अच्छी संचार प्रणाली, सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहाँ के परंपरागत उद्योग हैं- हथकरघा, काजू, नारियल जटा तथा हस्तशिल्प। अन्य महत्वपूर्ण उद्योगों में रबड, चाय, चीनी मिट्टी के बर्तन, बिजली तथा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, टेलीफ़ोन के तार, ट्रांसफार्मर, ईंट और टाइल्स, औषधियां और रसायन, सामान्य इंजीनियरी वस्तुएं, प्लाईवुड, रंगरोगन, बीड़ी और सिगार, साबुन, तेल, उर्वरक तथा खादी और ग्रामोद्योग उत्पाद शामिल हैं। इसके अलावा महीन उपकरण, मशीनी औज़ार, पेट्रोलियम पदार्थ, पेंट, लुगदी, काग़ज़, अखबारी काग़ज़, कांच तथा अलौह धातुओं के उत्पादन के लिए राज्य में कई कारखाने हैं। निर्यात की जाने वाली वस्तुओं में प्रमुख हैं- काजू, चाय, मसाले, लेमन ग्रास ऑयल, समुद्री खाद्य उत्पाद, शीशम और नारियल रेशा। राज्य में इल्मेनाइट, रटल, मोनाजाइट, जिरकोन, सिलीमेनाइट, चिकनी मिट्टी तथा स्फटिक युक्त बालू जैसे महत्वपूर्ण खनिज भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
लगभग सभी मुख्य उत्पादों में औद्योगिक निर्यात में लगातार वृद्धि हुई है-
- सॉफ्टवेयर का निर्यात 2003 - 04 के दौरान 240 करोड़ रुपए का था, जो 2004 - 05 में 400 करोड़ रुपए का हो गया। यह वृद्धि 66 प्रतिशत थी। 2004 - 05 में निपटारे के लिए 2658 औद्योगिक विवाद थे जो 2003 - 04 की तुलना में काफ़ी कम थे। इसी तरह 2004 - 05 में हड़तालें और तालाबंदी भी 2003-04 की तुलना में कम रहे।
- 31 मार्च 2005 तक केरल में 14655 जॉइंट स्टॉक कंपनियां थीं जिनमें से 13210 प्राइवेट लिमिटेड और 1445 पब्लिक लिमिटेड थी। केरल में सर्वाधिक संख्या में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हैं (1071 में से 113) जिनमें 115697 लोगों को रोज़गार मिला हुआ है। इनमें से 63 उपक्रमों में इंजीनियरिंग, बिजली का सामान, वस्त्र, इलेक्ट्रॉनिक, चीन-मिट्टी, कृषि तथा लकड़ी के सामान का काम किया जाता है।
- केरल सरकार औद्योगिक इकाइयों को वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण / परामर्श सेवाएं प्रदान करती है। औद्योगिक प्रोत्साहन के कार्य में लगी महत्वपूर्ण एजेंसियां और विभाग हैं- के. एफ. सी., के. एस. आई. डी. सी., सिडबी किनफरा, उद्योग और वाणिज्य निदेशालय, एस.आई.डी.सी., एस.आई.एस.आई., किटको और सी.एम.डी.।
- उद्योग और वाणिज्य निदेशालय भूमि अधिग्रहण करके, उसे विकसित करके, सड़क, जलापूर्ति, बिजली तथा आवश्यक इमारतें बनाकर, सारी सुविधाएं लघु उद्योगों को उपलब्ध कराता है। लघु उद्योग विकास निगम अपनी बड़ी औद्योगिक संपदाओं व लघु औद्योगिक संपदाओं के जरिए लघु उद्योगों को मूल संरचनात्मक सुविधाएं उपलब्ध कराता है।
- निर्यात संवर्द्धन के लिए मुख्यत: विशेष ध्यान आर्थिक क्षेत्र पर दिया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य निर्यात के लिए मुक्त वातावरण और अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रतिस्पर्धी माहौल उपलब्ध कराने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र स्थापित करना है।
- कोच्चि में तीन विशेष आर्थिक क्षेत्र हैं-
- कलमसरी के किनफरा में इलेक्ट्रानिक पार्क
- कोचीन विशेष आर्थिक क्षेत्र
- बंदरगाह आधारित विशेष आर्थिक क्षेत्र
- इसके अलावा अन्य हैं -
- मल्लपुरम फूड पार्क
- टैक्नोपार्क
- तिरुवनंतपुरम में एपरल पार्क, फिल्म और वीडियो पार्क, एनिमेशन विशेष आर्थिक क्षेत्र
- भारतीय अर्थव्यवस्था में लघु उद्योग एक बहुत गतिशील और जीवंत क्षेत्र है। 31 मार्च 2005 तक केरल में 2,80,584 लघु औद्योगिक इकाइयां पंजीकृत थीं जिसमें 4230.03 करोड़ रुपए का निवेश था और 12,60,007 लोगों को रोज़गार मिला था। 2004 - 05 में 4935 इकाइयां पंजीकृत हुईं जिनमें 198.63 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है और 22585 लोग काम कर रहे हैं।
- केरल सरकार ने 'ज़िला औद्योगिक केंद्रों' के माद्यम से 'प्रत्याशा' शीर्षक के अंतर्गत केरल स्थानीय उद्योग संवर्द्धन कार्यक्रम प्रारम्भ किया है। इस योजना का उद्देश्य 25,00 लघु उद्योग स्थापित करना है जिनमें वर्ष 2005 - 06 में 1,00,000 लोगों को रोज़गार मिलेगा।
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