कोलकाता यातायात
कोलकाता यातायात
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विवरण | कोलकाता का भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान है। कोलकाता शहर बंगाल की खाड़ी के ऊपर हुगली नदी के पूर्वी तट पर स्थित है। |
राज्य | पश्चिम बंगाल |
ज़िला | कोलकाता |
स्थापना | सन 1690 ई. में जॉब चार्नोक द्वारा स्थापित |
भौगोलिक स्थिति | उत्तर- 22°33′ - पूर्व -88°20′ |
मार्ग स्थिति | कोलकाता शहर राष्ट्रीय राजमार्ग तथा राज्य राजमार्ग से पूरे देश से जुड़ा हुआ है। कोलकाता सड़क मार्ग भुवनेश्वर से 468 किलोमीटर उत्तर-पूर्व, पटना से 602 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व तथा रांची से 404 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है। |
प्रसिद्धि | रसगुल्ला, बंगाली साड़ियाँ, ताँत की साड़ियाँ |
कब जाएँ | अक्टूबर से फ़रवरी |
कैसे पहुँचें | हवाई जहाज़, रेल, बस आदि से पहुँचा जा सकता है। |
नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा व दमदम हवाई अड्डा | |
हावड़ा जंक्शन, सियालदह जंक्शन। | |
बस अड्डा, कोलकाता | |
साइकिल-रिक्शा, ऑटो-रिक्शा, मीटर-टैक्सी, सिटी बस, ट्राम और मेट्रो रेल | |
क्या देखें | कोलकाता पर्यटन |
कहाँ ठहरें | होटल, अतिथि ग्रह, धर्मशाला |
क्या खायें | रसगुल्ला, भात |
क्या ख़रीदें | हथकरघा सूती साड़ियाँ, रेशम के कपड़े, हस्तशिल्प से निर्मित वस्तुएँ भी ख़रीद सकते हैं। |
एस.टी.डी. कोड | 033 |
ए.टी.एम | लगभग सभी |
गूगल मानचित्र, कोलकाता हवाई अड्डा | |
अन्य जानकारी | यह भारत का सबसे बड़ा शहर है और प्रमुख बंदरगाहों में से एक हैं। कोलकाता का पुराना नाम कलकत्ता था। 1 जनवरी, 2001 से कलकत्ता का नाम आधिकारिक तौर पर कोलकाता हुआ। |
बाहरी कड़ियाँ | आधिकारिक वेबसाइट |
अद्यतन | 19:35, 17 अगस्त 2016 (IST)
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कोलकाता में जन यातायात कोलकाता उपनगरीय रेलवे, कोलकाता मेट्रो, ट्राम और बसों द्वारा उपलब्ध है। व्यापक उपनगरीय जाल सुदूर उपनगरीय क्षेत्रों तक फैला हुआ है। भारतीय रेल द्वारा संचालित कोलकाता मेट्रो भारत में सबसे पुरानी भूमिगत यातायात प्रणाली है। ये शहर में उत्तर से दक्षिण दिशा में हुगली नदी के समानांतर शहर की लंबाई को 16.45 कि.मी. में नापती है। यहाँ के अधिकांश लोगों द्वारा बसों को प्राथमिक तौर पर यातायात के लिए प्रयोग किया जाता है। यहाँ सरकारी एवं निजी ऑपरेटरों द्वारा बसें संचालित हैं। भारत में कोलकाता एकमात्र शहर है, जहाँ ट्राम सेवा उपलब्ध है। ट्राम सेवा कैल्कटा ट्रामवेज़ कंपनी द्वारा संचालित है। ट्राम मंद-गति चालित यातायात है, व शहर के कुछ ही क्षेत्रों में सीमित है। मानसून के समय भारी वर्षा के चलते कई बार लोक-यातायात में व्यवधान पड़ता है।
यातायात साधन
भाड़े पर उपलब्ध यांत्रिक यातायात में पीली मीटर-टैक्सी और ऑटो-रिक्शा हैं। कोलकाता में लगभग सभी पीली टैक्सियाँ एम्बेसैडर ही हैं। कोलकाता के अलावा अन्य शहरों में अधिकतर टाटा इंडिका या फिएट ही टैक्सी के रूप में चलती हैं। शहर के कुछ क्षेत्रों में साइकिल-रिक्शा और हाथ-चालित रिक्शा अभी भी स्थानीय छोटी दूरियों के लिए प्रचालन में हैं। अन्य शहरों की अपेक्षा यहाँ निजी वाहन काफ़ी कम हैं। ऐसा अनेक प्रकारों के लोक यातायात की अधिकता के कारण है। हालांकि शहर ने निजी वाहनों के पंजीकरण में अच्छी बड़ोत्तरी देखी है। वर्ष 2002 के आँकड़ों के अनुसार पिछले सात वर्षों में वाहनों की संख्या में 44% की बढ़त दिखी है। शहर के जनसंख्या घनत्व की अपेक्षा सड़क भूमि मात्र 6% है, जहाँ दिल्ली में यह 23% और मुंबई में 17% है। यही यातायात जाम का मुख्य कारण है। इस दिशा में कोलकाता मेट्रो रेलवे तथा बहुत से नये फ्लाई-ओवरों तथा नयी सड़कों के निर्माण ने शहर को काफ़ी राहत दी है।
शहर के विमान संपर्क हेतु नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा दम दम में स्थित है। यह विमानक्षेत्र शहर के उत्तरी छोर पर है व यहाँ से दोनों, अन्तर्देशीय और अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानें चलती हैं। यह नगर पूर्वी भारत का एक प्रधान बंदरगाह है। कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट ही कोलकाता पत्तन और हल्दिया पत्तन का प्रबंधन करता है। यहाँ से अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में पोर्ट ब्लेयर के लिये यात्री जहाज़ और भारत के अन्य बंदरगाहों तथा विदेशों के लिए भारतीय शिपिंग निगम के माल-जहाज़ चलते हैं। यहीं से कोलकाता के द्वि-शहर हावड़ा के लिए फेरी-सेवा भी चलती है। कोलकाता में दो बड़े रेलवे स्टेशन हैं जिनमे एक हावड़ा और दूसरा सियालदह में है, हावड़ा तुलनात्मक रूप से ज़्यादा बड़ा स्टेशन है जबकि सियालदह से स्थानीय सेवाएँ ज़्यादा हैं। शहर में उत्तर में दमदम में नेताजी सुभाषचंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा जो शहर को देश विदेश से जोड़ता है।
कोलकाता मेट्रो रेल
कोलकाता में दो मुख्य लंबी दूरियों की गाड़ियों वाले रेलवे स्टेशन हैं- हावड़ा जंक्शन और सियालदह जंक्शन। कोलकाता नाम से एक नया स्टेशन 2006 में ही बनाया गया है। कोलकाता शहर भारतीय रेलवे के दो मंडलों का मुख्यालय है:-
- पूर्वी रेलवे और
- दक्षिण-पूर्व रेलवे।
परिवहन
कोलकाता शहर में सड़कों की हालत दयनीय है, हालाँकि यातायात का दबाव बहुत अधिक है। जन यातायात व्यवस्था मुख्य रूप में बसों और महानगरीय रेलवे (मेट्रो) पर निर्भर है। बसें सरकार और निजी कम्पनियों के द्वारा चलाई जाती हैं। देश की पहली भूमिगत रेलवे प्रणाली, मेट्रो की शुरुआत 1986 में हुई थी, और अब यह नगर में यातायात का प्रमुख साधन है, जिससे लगभग 20 लाख यात्री प्रतिदिन यात्रा करते हैं।
अपने पश्चिमी पृष्ठ भाग से सम्बन्ध के लिए कोलकाता केवल हुगली नदी पर बने कुछ पुलों पर निर्भर है। हावड़ा पुल और सुदूर उत्तर में बाली और नैहाटी में बने पुल। कोलकाता को पृष्ठ भाग से जोड़ने वाली मुख्य कड़ी हावड़ा पुल पर वाहन यातायात की आठ पंक्तियाँ हैं और यह विश्व में अधिक उपयोग किए जाने वाले पुलों में से एक है। हावड़ा और कोलकाता के बीच एक दूसरे पुल, विद्यासागर सेतु का प्रयोग भी किया जाता है। ग्रैंड ट्रंक रोड (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-2) भारत के सबसे पुराने मार्गों में से एक है। यह हावड़ा से कश्मीर तक जाता है और शहर को उत्तर भारत से जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है। अन्य राष्ट्रीय राजमार्ग कोलकाता को भारत के पश्चिमी तट, उत्तरी बंगाल और बांग्लादेश की सीमाओं से जोड़ते हैं। दो रेलवे टर्मिनल, पश्चिमी तट पर हावड़ा और पूर्व में सियालदह, उत्तर और दक्षिण के साथ-साथ पूर्व और पश्चिम में फैले रेलवे संजाल को संचालित करते हैं। कोलकाता का प्रमुख हवाई अड्डा दमदम में स्थित है, जहाँ से अंतराष्ट्रीय व घरेलू उड़ानों का आवागमन होता है। आकार के सन्दर्भ में कोलकाता बंदरगाह भारत के आयातित जहाज़ी माल के 1/10 भाग और उसके निर्यातित जहाज़ी माल के लगभग 1/12 भाग को नियंत्रित करता है। हालाँकि, कुछ अंशों में नदी से गाद निकालने की समस्या और अंशतः श्रमिक समस्याओं का सामना करने के कारण यातायात में कुछ कमी आई है। परिवहन, भण्डारण, थोक विक्रम और खेरची विक्रय, निर्यात और आयात सम्बन्धी आवश्यकताओं का संकेंद्रण कोलकाता और हावड़ा में है। कोलकाता बंदरगाह भारत के सबसे प्रमुख जहाज़ी माल नियंत्रक की 1960 के दशक की अपनी स्थिति अब खो चुका है, किन्तु आज भी यह और हल्दिया बंदरगाह (लगभग 64 किलोमीटर नीचे की ओर) देश की विदेशी विनिमय मुद्रा का एक बड़ा भाग अर्जित करते हैं।
कैसे पहुँचे
- हवाई मार्ग-
यहाँ दमदम हवाई अड्डा है। यहाँ देश के लगभग हर राज्य तथा हर महत्वपूर्ण शहर से सीधी उड़ानें उपलब्ध है। साथ ही यह हवाई अड्डा विदेशों से भी नियमित उड़ान द्वारा जुड़ा हुआ है।
- रेल मार्ग-
हावड़ा तथा सियालदह यहाँ के दो महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है। यहाँ से देश के लगभग हर शहर के लिए रेल सेवा उपलब्ध है।
- सड़क मार्ग
यह शहर राष्ट्रीय राजमार्ग तथा राज्य राजमार्ग से पूरे देश से जुड़ा हुआ है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 से दिल्ली तथा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 6 से मुंबई और चेन्नई से जुड़ा हुआ है। यहाँ से ढाका, नेपाल तथा भूटान सीमा के निकटवर्ती स्थानों के लिए भी बसें जाती है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- कोलकाता
- कोलकाता-कोलकाता और जाब चार्नाक
- Weatherbase
- Calcutta- Not 'The City of Joy'
- UNFOLD WEST BENGAL WITH BLOOM9
- History of Calcutta
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