गोदावरी तट शक्तिपीठ
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वर्णन | आंध्र प्रदेश में स्थित 'गोदावरी तट शक्तिपीठ' भारतवर्ष के अज्ञात 108 एवं ज्ञात 51 पीठों में से एक है। इसका हिन्दू धर्म में बड़ा ही महत्त्व है। |
स्थान | कुब्बूर, आंध्र प्रदेश |
देवी-देवता | सती 'विश्वेश्वरी' या 'रुक्मिणी' तथा शिव 'दण्डपाणि'। |
संबंधित लेख | शक्तिपीठ, सती |
पौराणिक मान्यता | मान्यतानुसार यह माना जाता है कि इस स्थान पर देवी सती के बाएँ गाल का निपात हुआ था। |
गोदावरी तट शक्तिपीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है। हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। ये अत्यंत पावन तीर्थस्थान कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवीपुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है।
- आंध्र प्रदेश में अनेक देवालय हैं, जिनमें शिव, विष्णु, गणेश तथा कार्तिकेय (सुब्रह्मण्यम) आदि की उपासना होती है तथा अनेक पीठ यहाँ पर हैं।
- प्रसिद्ध 'गोदावरी तट शक्तिपीठ' आन्ध्र प्रदेश के 'कुब्बूर' में गोदावरी नदी के तट पर स्थित है।
- माना जाता है कि यहाँ पर सती के "वामगण्ड" (बायाँ गाल) का निपात हुआ था।
- इस शक्तिपीठ की सती 'विश्वेश्वरी' या 'रुक्मिणी' तथा शिव 'दण्डपाणि' हैं।
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