एन. गोपाल स्वामी आयंगर
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जन्म | 1882 |
मृत्यु | 1953 |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | राज्य सभा के नेता और भारत सरकार में मंत्री थे। |
विशेष योगदान | हिन्दी को राष्ट्रभाषा घोषित करने के अहिन्दी भाषी प्रस्तावक के रूप में गोपाल स्वामी आयंगर का मुख्य योगदान था। |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | गोपाल स्वामी आयंगर भारतीय संविधान सभा के भी सदस्य रहे थे। इन्होंने भारत के एकीकरण के सरदार पटेल के अधूरे कार्य को पूरा किया था। |
एन. गोपाल स्वामी आयंगर (जन्म- 1882; मृत्यु- 1953) राज्य सभा के नेता और भारत सरकार में मंत्री रहे थे। ये सिविल सेवा के लिए चुने गए थे तथा 30 वर्षों तक इसके अन्तर्गत विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे। हिन्दी को राष्ट्रभाषा घोषित करने के अहिन्दी भाषी प्रस्तावक के रूप में गोपाल स्वामी आयंगर का नाम महत्त्वपूर्ण है।
- सेवानिवृत्ति के पश्चात् गोपाल स्वामी आयंगर कश्मीर गए तथा वहां के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य करने लगे।
- गोपाल स्वामी आयंगर स्प्रू समिति की रिपोर्ट के सह लेखक थे।
- स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् इन्हें रेलवे और यातायात मंत्री बनाया गया था। गोपाल स्वामी आयंगर ने रेलवे की कार्य प्रणाली को दक्ष बनाने में योगदान दिया था।
- सरदार पटेल की 1950 ई. में मृत्यु के पश्चात् गोपाल स्वामी आयंगर उनके स्थान पर नियुक्त हुए तथा इन्होंने भारत के एकीकरण के पटेल के अधूरे कार्य को पूरा किया। इसके पश्चात् ये कुछ समय तक रक्षामंत्री रहे।
- गोपाल स्वामी आयंगर भारतीय संविधान सभा के भी सदस्य रहे थे। संविधान सभा के प्रारूप समिति के सदस्यो की संख्या सात थी, जो इस प्रकार थी-
- डॉ. बी. आर. अम्बेडकर
- एन. गोपाल स्वामी आयंगर
- अल्लादी कृषण स्वामी
- कन्हैयालाल मणिकलाल मुन्शी
- सैयद मोहम्म्द सादुल्ला
- एन. माधव राव
- डी. पी. खेतान
- 1953 ई. में 71 वर्ष की आयु में एन. गोपाल स्वामी आयंगर की मृत्यु हो गई।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
नागोरी, डॉ. एस.एल. “खण्ड 3”, स्वतंत्रता सेनानी कोश (गाँधीयुगीन), 2011 (हिन्दी), भारतडिस्कवरी पुस्तकालय: गीतांजलि प्रकाशन, जयपुर, पृष्ठ सं 83।
बाहरी कड़ियाँ
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