शिमगो
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विवरण | गोवा के निवासी होली को कोंकणी में 'शिमगो' या 'शिमगोत्सव' कहते हैं। वे इस अवसर पर वसंत का स्वागत करने के लिए रंग खेलते हैं। |
राज्य | गोवा |
संबंधित लेख | होली, वसंत ऋतु, गोवा की संस्कृति |
अन्य जानकारी | 'शिमगोत्सव' की सबसे अनूठी बात पंजिम का वह विशालकाय जलूस है जो होली के दिन निकाला जाता है। यह जलूस अपने गंतव्य पर पहुँचकर सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिवर्तित हो जाता है। |
शिमगो कोंकणी भाषा में होली को कहते हैं। गोवा के निवासी होली को शिमगो या शिमगोत्सव के रूप में मनाते हैं।
- गोवा के लोग इस अवसर पर बसंत का स्वागत करने के लिए रंग खेलते हैं। इसके बाद भोजन में इस मौके पर मांसाहार और मिठाइयाँ बनाई जाती हैं, जिन्हें 'शगोटी' कहा जाता है। मिठाई भी खाई जाती है।
- 'शिमगोत्सव' की सबसे अनूठी बात पंजिम का वह विशालकाय जलूस है जो होली के दिन निकाला जाता है। यह जलूस अपने गंतव्य पर पहुँचकर सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिवर्तित हो जाता है। इस कार्यक्रम में नाटक और संगीत होते हैं, जिनका विषय साहित्यिक, सांस्कृतिक और पौराणिक होता है। हर जाति और धर्म के लोग इस कार्यक्रम में उत्साह के साथ भाग लेते हैं।
इन्हें भी देखें: मथुरा होली चित्र वीथिका, बरसाना होली चित्र वीथिका एवं बलदेव होली चित्र वीथिका
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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