ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना
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ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना
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विवरण | यह भारत की राष्ट्रीय योजना है जो प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में योजना आयोग द्वारा विकसित और कार्यान्वित होती है। |
कार्यकाल | वर्ष 2007 से 2012 तक |
अध्यक्ष | मनमोहन सिंह |
विकास लक्ष्य | 9.0 फ़ीसदी |
अन्य जानकारी | इस योजना में 7 वर्षीय या अधिक के बच्चों व व्यक्तियों की साक्षरता दर को 85% तक बढ़ाना और रोज़गार को 700 लाख नए अवसर पैदा करना, जैसे मुख्य लक्ष्य थे। |
ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना का कार्यकाल 2007 से 2012 तक निर्धारित है।
ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के लक्ष्य
- जीडीपी वृद्धि दर को 8% से बढ़ाकर 10% करना और इसे 12वीं योजना के दौरान 10% पर बरकार रखना ताकि 2016- 17 तक प्रति व्यक्ति आय को दोगुना किया जा सके।
- कृषि आधारित वृद्धि दर को 4% प्रतिवर्ष तक बढ़ाना।
- रोज़गार को 700 लाख नए अवसर पैदा करना।
- साक्षर बेरोज़गारी की दर को 5% से नीचे लाना।
- 2011 से 2012 तक प्राथमिक स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की दर में 2003-04 के 52.2% के मुकाबले 20% की कमी करना।
- 7 वर्षीय या अधिक के बच्चों व व्यक्तियों की साक्षरता दर को 85% तक बढ़ाना।
- प्रजनन दर को घटाकर 2.1 के स्तर पर लाना।
- बाल मृत्यु दर को घटाकर 28 प्रति 1000 व मातृ मृत्यु दर को '1 प्रति 1000' करना।
- 2009 तक सभी के लिए पीने का स्वच्छ पानी उपलब्ध कराना।
- 0-3 वर्ष की आयु में बच्चों के बीच कुपोषण के स्तर में वर्तमान के मुकाबले 50% तक की कमी लाना।
- लिंग अनुपात को बढ़ाकर 2011-12 तक 935 व 2016-17 तक 950 करना
- सभी गाँवों तक बिजली पहुँचाना।
- नवंबर 2007 तक प्रत्येक गाँव में टेलीफोन सुविधा मुहैया कराना।
- देश के वन क्षेत्र में 5% की वृद्धि कराना।
- देश के प्रमुख शहरों में 2011-12 तक 'विश्व स्वास्थ्य संगठन' के मानकों के अनुरूप वायु शुद्धता का स्तर प्राप्त करना।
- 2016-17 तक ऊर्जा क्षमता में 20% की वृद्धि करना।
सभी पंचवर्षीय योजनाओं का तुलनात्मक अध्ययन
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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