आचार्य चाणक्य एक ऐसी महान् विभूति थे, जिन्होंने अपनी विद्वत्ता और क्षमताओं के बल पर भारतीय इतिहास की धारा को बदल दिया। मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चाणक्य कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर कूटनीतिज्ञ, प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में भी विश्वविख्यात हुए। इतनी सदियाँ गुजरने के बाद आज भी यदि चाणक्य के द्वारा बताए गए सिद्धांत और नीतियाँ प्रासंगिक हैं तो मात्र इसलिए क्योंकि उन्होंने अपने गहन अध्ययन, चिंतन और जीवानानुभवों से अर्जित अमूल्य ज्ञान को, पूरी तरह नि:स्वार्थ होकर मानवीय कल्याण के उद्देश्य से अभिव्यक्त किया।
चाणक्य नीति के अध्याय
- चाणक्य नीति- अध्याय 1
- चाणक्य नीति- अध्याय 2
- चाणक्य नीति- अध्याय 3
- चाणक्य नीति- अध्याय 4
- चाणक्य नीति- अध्याय 5
- चाणक्य नीति- अध्याय 6
- चाणक्य नीति- अध्याय 7
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- चाणक्य नीति- अध्याय 9
- चाणक्य नीति- अध्याय 10
- चाणक्य नीति- अध्याय 11
- चाणक्य नीति- अध्याय 12
- चाणक्य नीति- अध्याय 13
- चाणक्य नीति- अध्याय 14
- चाणक्य नीति- अध्याय 15
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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